ll श्रीकालाग्निरूद्र उपनिषद ll
पार्ट 1 ( कालाग्निरूद्र कौन हैं ? )
ॐ ?
नमस्ते मित्रों , श्रीविद्या पीठम , ठाणे में आपका स्वागत है। उपनिषदों की व्याख्या और उसमें लिखे ज्ञान को पहुँचाते हुए आनंद हो रहा है। काफी लोगो को जो मालूम नही वह ज्ञान अलग से मिल रहा है ।
?परमशिव ने काफी ज्ञान देकर रखा है , परंतु मनुष्यों को ही ठीक से लेना चाहिए । और न जाने कितने लोग ज्ञान के प्रकाश में कितने पैसे खर्च करते हैं। ब्रम्ह को जानने की सभी विधियां ज्ञान परमेश्वर ने आगम शास्त्र में अंकित की हैं। आप जब श्रीविद्या साधना में होते हैं तब बहुत विषयो का ज्ञान गुरु से लेना चाहिए ।
आज हम कालाग्निरूद्र उपनिषद समझेंगे।
सबसे पहले कालाग्निरूद्र कौन हैं? शिव के रुद्रों में एक रूप कालाग्निरूद्र हैं।
काल + अग्नि + रुद्र । ⚫
काल क्या हैं ? … मृत्यु । …… परंतु , मृत्यु कौनसी? जीव की या ब्रम्हांड की ?
इसके लिए अद्वैत शास्त्र और श्रीविद्या के षोडशी तथा बगलामुखी के 36 तत्वों की व्याख्या समझनी चाहिए । मूलाधार के नीचे 7 पाताललोक हैं , उसके अंतिम छोर में कालाग्नि छुपा रहता हैं । समय आने पर वह जागृत होकर एक एक लोक जलाना शुरू करता है और सभी भुवन अपने आग में जला डालता हैं।
काफी लोगो को यह पढ़ना आसान लगेंगा , और कॉपी करके दूसरे ग्रुप्स में पोस्ट करना भी आसान लगेगा । ?
मित्रो , शब्दो की गहराई को समझो । तुम्हे जब ये विषय साक्षी भाव से समझने लगेगा , तब तड़प क्या होती है ? जीव क्या है और ब्रम्ह – आत्मा कोई अलग ही विषय है इसका साक्षात्कार होगा ।
अब काफी लोगो को , कालाग्निरूद्र में अग्नि शब्द यानी हम जो अग्नि प्रज्वलित करते हैं , वही लगेंगा । बल्कि ऐसा बिल्कुल नहीं है।
- अग्नि में काफी प्रकार हैं । पृथ्वीपर भी हवन के लिए जो अग्नि बुलाया जाता हैं , उसमें भी कितने प्रकार होते हैं। पहले के जमाने में मृतसञ्जीवन विद्या के लिए यज्ञ करते थे तब स्वर्ग से अलग अलग ओषधियों को यज्ञ द्वारा आवाहन किया जाता था । उसीके कारण शुक्राचार्य जी जल्दी जल्दी में असुरो का इलाज करते थे।
पाताललोक में भी हवन होते हैं और पृथ्वी लोक तथा स्वर्गलोक में भी हवन होते हैं। अग्नि के काफी प्रकार हैं ।
इन्ही सब अग्नियों में अत्यंत तीव्र हैं , कालाग्निरूद्र में छुपा अग्नि जो समस्त ब्रम्हांड को जला डालता हैं । यह काफी गहरा रहस्य है , इसे शार्ट में ही बता रहा हूँ ।
अब मित्रों , कालाग्निरूद्र उपनिषद में क्या लिखा है , इस विषय पर अगले लेख में चर्चा करते हैं ।
धन्यवाद।
क्रमशः
?परमेश्वरी निलयम?
SriVidya Pitham , Thane
Contact : 09860395985