बाला देवी और भंडासुर के तीस पुत्र

बाला देवी और भंडासुर के तीस पुत्र

||★|| बाला देवी और भंडासुर के तीस पुत्र ||★||


श्री मात्रै: नमः ।।
नमस्ते मित्रों, श्रीविद्या साधना पीठम , ठाणे में आप सभी का स्वागत हैं ।
आपने श्रीललिता और भंडासुर का आक्रमण के रहस्य सुने होंगे ।
उसमें जब देवी प्रगट होती हैं , तो देवी की पुत्री भी होती हैं ।

श्रीललिता त्रिपुरसुंदरी देवी की पुत्री का नाम बाला है , उसे बालंबा भी कहते हैं ।

असामान्य शक्तियाँ जो आम व्यक्ति के बुद्धि से बहार की है ।

श्रीविद्या में बाला की आवरण पूजा सहित तर्पण करता है उसे सूक्ष्म जगत की शक्तियों की संवदेना महसूस होती हैं ।

भंडासुर इतना बड़ा साम्राज्य उसका जिसने एक्सो पाँच ब्रम्हांड निर्माण कर लिए । आप सोचिए एक व्यक्ति में कितनी असामान्य शक्तियाँ हो सकती हैं । ये बियोंड सायन्स में भी ऊपर उपर का ज्ञान है , इसमे बुनाई जो है उसके लिए अदम्य शक्ति और अदम्य साधना का ज्ञान चाहिए ।
आज भी इसका बेसिक तो ज्ञान मिलता है , की वो ब्रम्हांड निर्माण कैसे हुए ? संकल्प क्या था ? कोनसे नाद डाले गए ? कितने तत्वो को कितनी पोटेंसी में डालकर प्राणी जगत और देव जगत खड़ा किया गया ? उसमें किस प्रकार का ज्ञान डाला जाए ?
सब बारीकी बुनाई है , हमारा सौभाग्य है मित्रो की इसका बेसिक पराविज्ञान को देने की कोशिश हमारे श्रीविद्या पीठम में होती हैं ।
श्रीविद्या का यह अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है , लोग सिर्फ पंचदशी के जाप करते हैं , उन्हें बेसिक ही पता नहीं , उसीमे ही कई समय और खर्च करके , जीवन थक जाता है ।

गुरु से रूबरू भी नहीं हो सकते ।
गुरु का कर्तव्य है की ऊपरी विषय समझाए , कोई सूक्ष्म शक्तियाँ कान में आकर ये सब नही बताती ।

बाला देवी जो एकदम छोटीसी लड़की थी , उसने हट किया कि मुझे भंडासुर के पुत्रों का वध करने जाना है ।

बाल हट आप जानते ही होंगे, खास कर अगर आपकी लड़की होगी तो अच्छे से समझ पाओ ।

देवी कहती रही , तुम युद्ध में मत जाओ ।
बाला ने बिल्कुल नहीं सुना अपनी माँ का , …..

बाला पूरी तयारी के साथ हट बनाकर श्रीयंत्र की क्षेत्र से बहार निकली ।

बाला ने भंडासुर के 30 पुत्रों के साथ युद्ध किया उसके नाम ज्यादातर दिखाई नहीं देते ।
आज हम उनके नाम देने वाले हैं ।

वज्रघोषा :- जोर से चीखने की जिसमे क्षमता है ।
उर्ध्वकेसा :- लंबे बाल से शत्रु को फसाने वाला
काक्रोक्षा :- सुंदर पक्षी जैसी आखों से शत्रु पर नजर रखना ।
गण्डाला :- जिव्हा के गले के अंदर का भाग
यमन्तका :- रोग प्रतिकारक शक्ति कम करने वाला
महाहानु :- बड़ी हनुवटी जिसकी हैं ।
महासकन्दी :- बलिष्ठ बाहु
अंधाका :-  शत्रु को अंध करने वाला
महामाया :- भ्रम में डालने वाला
पुरुजीत :- स्वर्ग का राजा
सिंहघोषा :- सिंह जैसी दहाड़
चंदवर्मा :- जलद योद्धा , जिसकी गति ज्यादा हो 
त्रिनेत्रा :- तीन नेत्र धारण करने वाला
स्रालका :- नसों को फाड़ने वाला
कुपलोचना : नेत्र से सबंधी
मघासत्रु :- इसे शक्ति को भी प्रतिरोध करने वाली प्रतिशक्ति कहते है ।
चतुर्बाहु :- चार हातो से युद्ध यानी चार विषयो पर गुण चतुसिरा :- चार सिर , चार सिर का अर्थ की उतनी बुद्धि की क्षमता
अतिमाया :- क्षण की अवकाश में भ्रम में डालकर माया में फंसाने वाला
स्वर्ग बाला :- स्वर्ग को चलाने की शक्ति
कुपाका :- युद्ध में चतुर
दुर्गा :- खंदक
गुहाक्षा :- अंतरचक्षु
पांडसेना :- दिल को कमजोर करने वाला
लड़धूना :- खलनायक की उपमा हैं ।
उपमाया :- माया अथवा भ्रम के छोटे पार्ट
स्वर्ग शत्रु :- मनोरंजन अथवा सुख को काटने वाला
ब्रह्णमाया :- माया अथवा भ्रामित जग निर्माण करने वाला
पूर्वमारका :- पूर्व सूचना के बिना आघात करने वाला
स्वर्ग कंटका :- स्वर्ग का सिंहासन

मित्रों , ये जागृत स्वप्न सुषुप्ति यह तीन अवस्था में 30 पुत्र के नाम बटे है , हर नाम का एक वास्तविक अर्थ है ।

मित्रों , अगर इन सब विषयो में आगे बढ़कर श्रीविद्या का सही ज्ञान लेने की इच्छा रखता है ।
वो हमारा ब्लॉग जरूर पढ़ें , SriVidya Essentials Online Course भी हैं , आगे हम इसमें भी गहरा ज्ञान श्रीविद्या का देने का प्रयास कर रहे हैं ।
उसमे रिसर्च चालू है ।

धन्यवाद ।

Share

Written by:

186 Posts

View All Posts
Follow Me :

5 thoughts on “बाला देवी और भंडासुर के तीस पुत्र

  1. प्रियवर, फ़सले गुल लाई है,एक बार फिर असीराने वफ़ा,फिर अपने ही खूं में नहाने निकलेंगे! भगवती का इशारा है। मिलने का सौभाग्य देवें। मेरे कुल को श्री विद्या प्रदान करें !
    विजय सिंह वर्मा
    8171954738,9415448286
    vsvhome2018@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

thirteen − twelve =

error: Content is protected !!
× How can I help you?