श्रीविद्या ~ श्रीयंत्र … प्राथमिक ज्ञान ~ भाग ६
ॐ
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श्रीविद्या साधनाक्रम में अंतिम स्तर पर नवावर्ण पूजन संपन्न होता हैं । नवावर्ण अर्थात नवयोनियों का पूजन । नवयोनी अर्थात श्रीयंत्र । श्रीविद्या साधना हेतु और श्रीविद्या ज्ञान हेतु हमसे संपर्क कर सकते हैं ।
🪷 चतुर्दशार आवरण Explanation ( १४ त्रिकोण )
श्रीविद्या पंचदशी दीक्षा पद्धति में चतुर्दशार यह चतुर्थ आवरण हैं । १४ त्रिकोण से बना यह आवरण हैं । यहाँ १४ प्रकार की सौभाग्य देने वाली देवियां विराजमान रहती हैं । उनके नाम आगे की तस्वीर में दी गई हैं । इसे ” सर्वसौभाग्यदायक चक्र ” कहते हैं । इस आवरण की चक्रेश्वरी देवी – त्रिपुर वासिनी देवी । ” संप्रदाय योगिनी ” इस चक्र की योगिनी देवी हैं । श्रीविद्या पद्धति में इन हर एक देवी का गुप्त ज्ञान हैं । हर देवी के अलग अलग ग्रंथ हैं और उनकी विद्या भी हैं ।
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