Wife of Nandi ( Suyasha Devi )

Wife of Nandi ( Suyasha Devi )

Who is She ?
सुयशा देवी ( नंदी पत्नी )

नमस्ते मित्रों ,
श्रीविद्या पीठम में आपका स्वागत हैं ।

सुयशा देवी कौन हैं ?
नीचे दी हुई पुरानी तस्वीर आप ध्यान से देखिए । इस देवी के बारे में कही ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हैं । गुगल पर भी आप देखेंगे तो कुछ लोग इसे कामधेनु देवी अथवा वाराही देवी कहते हैं ।
श्रीवाराही देवी का मुख अलग होता हैं । श्रीवाराही को सींग नहीं होते । उन्हें आगे की मुख की तरफ दो दांत होते हैं । तथा श्रीकामधेनु गाय देवी भी एक अलग विषय हैं ।

आज हम इस देवी का विश्लेषण करेंगे ।
आप देवी की तस्वीर देखेंगे तो इन्हें तीन हाथ दिखाई देंगे ।
फिर चौथा हाथ कहा गया ?
देवी ने दाहिने हाथ में एक विशेष चक्र पकड़ा हुआ हैं । अक्सर इस तरह से किसी देवी के हाथ में यह दिखाई नहीं देता ।
देवी ने बाएं हाथ से अपना सफेद पल्लू पकड़ा हुआ हैं ।
देवी के ऊपरी बाएं हाथ में धुपदानी पकड़ी हुई हैं ।
देवी की यह सारी विशेषता के बारे में हम ज्ञान देंगे ।

यह नंदी पत्नी सुयशा देवी हैं । इन्हें नंदिनी , सुशा भी कहते हैं ।
कुछ जगह इन्हे मरुत गणों की पुत्री कहते हैं । असल में यह उनकी पुत्री नहीं हैं । उनकी जन्म की कहानी अलग हैं ।
सुयशा _ यह नाम भी उन्हें सूर्य से मिला हैं । क्योंकि _ वह सूर्य की बहन के रूप में प्रसिद्ध हैं । सूर्य ने ही अपनी शक्ति का एक भाग सुयशा देवी को दिया हैं ।

१. जब कोई देवी अपने हाथ में पल्लू पकड़कर खड़ी होती हैं । तो वह जगत से अपने आपको गुप्त रखना चाहती हैं , ऐसा अर्थ हैं । पतिव्रता स्त्री देवी , अपने पती की मर्यादा में रहने वाली , पति को आगे कर अपने आपको गुप्त रखने वाली । सफेद पल्लू _ पवित्रता दिखाता हैं । इन देवी से बात करनी हो तो प्रथम इनके पति से अनुमति लगती हैं । यह इसकी विशेषता हैं ।

२. बाएं हाथ में देवी ने धूप दानी पकड़ी हुई हैं । आप जानते ही हैं की , भगवान शिव के नंदी प्रथम सेवक हैं। उनकी पूजा का प्रथम मान नंदी को दिया हैं । पूजा में धूप दिखाना भी एक महत्वपूर्ण विधान हैं । शिव पार्वती को अलग अलग प्रकार के धूप पसंद हैं । धूप की एक स्वतंत्र विद्या हैं । कुछ धूप में नशे जैसी चीजें भी होती हैं । यह सभी विद्या इस देवी के पास आती हैं ।

३. देवी के दाहिने हाथ में एक चक्र हैं । यह चक्र कोई सुदर्शन चक्र जैसा नहीं हैं । यह सूर्य देव ने अपनी बहन को दिया हुआ , सूर्य शक्ति का अंश हैं ।
इस चक्र को देवी ने एक डंडे के द्वारा पकड़ा हुआ हैं । तस्वीर में यह स्पष्ट दिखाई देता हैं ।

४. अब चौथा हाथ कहा हैं ?
यह पूर्ण गुप्त हाथ हैं । सूर्य चक्र के डंडी को आप देखेंगे तो _ डंडी के पीछे गुप्त रूप से और एक डंडी हैं । यह गुप्त डंडी चक्र को संतुलित करने का कार्य करती हैं । देवी के चौथे गुप्त हाथ ने इसी गुप्त डंडी से संतुलित किया हैं । दैवीय शक्तियों के रहस्य को समझना काफी मुश्किल होता हैं ।

५. देवी के मस्तक पर चार सींग हैं । उसमें से दो सींग उनके शरीर से जुड़े हुए हैं और दो सींग मुकुट पर लगें हुए हैं । मुकुट पर लगें सींग का अर्थ _ नंदी की पत्नी _ अर्थात उनकी महारानी भी हैं । यह दर्शाना होता हैं । इनका सींग _ यही सबसे बड़ा अस्त्र हैं ।

देवी के बारे में और विशेष रूप से देखे तो , कान की बालियां इनके बालों में हैं । इनके कान को कोई बाली नहीं हैं । सर पर जो मांग टीका हैं , वह विवाहित होने की निशानी होती हैं ।

सुयशा देवी _ एक शांत , रहस्यमय , पवित्र , धूप विद्या जानने वाली , सूर्य विज्ञान का ज्ञान रखने वाली एक गुप्त देवी हैं ।

आशा है , श्रीविद्या पीठम द्वारा प्रस्तुत लेख पसंद आया होंगा ।

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