श्रीवाञ्छा-कल्पलता श्रीगणेशी साधना

श्रीवाञ्छा-कल्पलता श्रीगणेशी साधना

नमस्कार मित्रों _

संपूर्ण तंत्र मंत्र यंत्र शास्त्रों में और अनेकविध देवी देवताओं में ” श्रीवाञ्छा-कल्पलता श्रीगणेशी देवी “ यह एकदम अलग शक्ति हैं ।
इनके नाम में ही अद्भुत आकर्षण हैं , तेज हैं ।

आजके समय में _ इस साधना को पूर्ण पद्धति अनुसार कोई नहीं सिखाता । इस पद्धति में कुछ वेदोक्त मंत्र सहित श्री वांछा कल्पलता गणेशी मंत्र और श्री क्षिप्रा गणेश मंत्र इन तीनों को जोड़कर बनाया हैं ।
हमने श्रीविद्या पीठम द्वारा इसे ४ विभागों में सिखाया हैं ।
१. श्रीवाञ्छा-कल्पलता श्रीगणेशी जपम् विधी
२. श्रीवाञ्छा-कल्पलता श्रीगणेशी ( श्रीविद्या गणेशी ) मंत्र तर्पण विधी
३. श्रीवाञ्छा-कल्पलता श्रीगणेशी अभिषेक विधी ( पंचामृत युक्त )
४. श्रीसूक्त युक्त श्रीवाञ्छा-कल्पलता-श्रीगणेशी स्तोत्र

श्रीवाञ्छा-कल्पलता कौन हैं ?
वांछा ‘ का अर्थ है_ इच्छा और ‘ कल्पलता ‘ का अर्थ है , वह 🌿लता जो सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं ।
इनका निचला भाग देवी श्रीललिता और ऊपरी भाग श्री महागणपति _ के एकत्रीकरण से बना हुआ हैं । इसलिए इनके ” श्रीविद्या गणेशी ” भी कहते हैं । देवी श्रीललिता त्रिपुरसुंदरी का गणपति रूप ।

इस विधी के अनेकों फायदे हैं । यह अत्यंत पवित्र विधी होने के कारण_ आपकी वास्तु और आपका चरित्र भी उतना स्वच्छ चाहिए ।
उच्चकोटी की विद्या होने के कारण_ इसे कोई भी नहीं कर सकता ।
इन मंत्रों का उच्चारण अत्यंत शुद्ध और स्पष्ट चाहिए । देवता जितनी उच्चकोटी की होती हैं , उतने ही उसके गलतियों के दोष भी होते हैं ।

यह संपूर्ण ४ विधी Recorded Video Link द्वारा हमने सिखाए हैं । साथ पुस्तक पोस्टल द्वारा भेजी जाती हैं ।

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