⚫ काल गणेश कौन हैं ? ⚫
ह्रीं ,
श्रीविद्या पीठम में स्वागत हैं ।
काल गणेश कौन हैं ? काला गणपति क्या हैं ? काल गणेशी कौन हैं ?
आज हम इसी नए ज्ञान की ओर आगे बढ़ेंगे ।
आपने हमारे Advance SriVidya Essentials and KaliKul SriVidya Essentials Course का ज्ञान देखा ही होगा ।
इतना सूक्ष्म ज्ञान कही उपलब्ध भी नहीं हैं ।
आपको सामान्यत: शिव – पार्वती पुत्र गणपति ज्ञात हैं , उसके बाद श्रीललिता के पुत्र श्री महागणपति , श्री महाकाली के रक्त गणपति और श्री बगलामुखी के हरिद्रा गणपति , इसी तरह काली और काल के काल गणेश हैं ।
अब काल गणेश कौन हैं ?
इसके लिए आपको नीचे वाली तस्वीर देखनी होंगी । पुराने भ्रम दूर करने पड़ेंगे । काली और महाकाली _ एक ही देवियां नहीं हैं । तस्वीर में महाकाली दिख रही होंगी । नीचे शिव पार्वती उन्हें नमस्कार कर रहे हैं ।
जब भगवान शिव जी ने महाकाली की आराधना की थी । तब महाकाली ने उन्हें एक काली तत्व अंश रूप में दिया था ।
यही काली तत्व रखेंगे कहां ? क्योंकि यह जगत श्रीललिता त्रिपुरसुंदरी का हैं । भगवान शिव पार्वती _ सीधे उनके अंश हैं ।
तब भगवान शिव ने उन्हें आशीर्वाद रूप में कालीकुल अंतर्गत जो काली तत्व मिला था । उसे पार्वती में स्थापित किया । तो पार्वती के शरीर में वही अंश ” काली ” बनी और उसे संतुलित करने के लिए शिव के अंदर भी ” काल ” तत्व आया ।
काली और काल _ पार्वती और शिव ! यह संकल्पना आप प्रथम समझें । कैलाश के अंदर ही काली और काल स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में हैं ।
ब्रम्हांड के अनंत काल में देवी देवताओ के काफी युद्ध हो चुके हैं । जैसे शिव पार्वती के युद्ध कथन हैं । उसी प्रकार से काली और काल के भी युद्ध कथन हैं ।
उसमें एक बार पार्वती ही क्रोधित होकर काली रूप धारण करती हैं और जो सामने उसे काटना शुरू करती हैं । जब काली क्रोध में होती हैं तब उन्हे रोक नहीं सकते ।
उस समय काल शिव ने भूमि पर गिरे एक राक्षस के शव को उठाया । जिसका सिर नहीं था । उसे दूसरे का शिर लगाया । उसमें अपनी शक्ति डालकर एक बालक रूपी शरीर दिया । शिव पार्वती पुत्र गणपति की ऊर्जा संतुलित करने हेतु _ काल शिव ने उसी तरह का आत्मा उस शरीर में स्थापित किया । और वह छोटा शिशु _ उन्होंने काली के बड़े से खड़ग पर रख दिया । काली ने जब उस शिशु को देखा , तब कही वह शांत हुई ।
जैसे पार्वती ने अपने मैल से गणपति को जन्म दिया । इस गणेश में शिव का कोई योगदान नहीं था । उसी गणपति को संतुलित करने के लिए यहां काल शिव में विरुद्ध दिशा में काल गणेश को जन्म दिया । काल गणेश में भी काली का योगदान नहीं था ।
असल में यह कथा इतनी गोपनीय हैं ।
ऐसा सूक्ष्म ज्ञान सिर्फ हमारा श्रीविद्या पीठम ही दे सकता हैं ।
काल गणेश की पत्नी काल गणेशी हैं ।
काल गणेश को ६ हाथ हैं । त्रिशूल , खड़ग , रक्त कटोरी , रक्त दुर्वा , मुंडामाला , काल पृथ्वी यह उनके हाथों में होती हैं । साथ में एक काला चूहा होता हैं , जो मांस रक्त खाता हैं ।
यह हुई काली महाकाली के ज्ञान में अनोखी कथा ।
आपको अधिक सूक्ष्म जानकारी हेतु हमारे कोर्सेस देख सकते हैं ।
Kalikul SriVidya – https://srividyapitham.com/kalikul-srividya-essentials/
रक्त गणपति साधना – https://srividyapitham.com/raktaganpatisadhna/
Article Publish by _ SriVidya Pitham | 9860395985
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