।। श्रीविद्या अंतर्गत श्रीकामेश्वरी नित्या ।।
ॐ
नमस्ते मित्रो , श्रीविद्या संजीवन साधना सेवा पीठम में स्वागत हैं ।
कुछ दिन से हमारे यहाँ श्रीविद्या अंतर्गत श्रीनवावर्ण पूजन की साधना चलने के कारण , हर एक व्यक्ति को काफी समय देना पड़ता हैं। वह विषय ही ऐसा है कि श्रीयंत्र का ज्ञान श्रीविद्या के प्रमुख विषयो की की जानकारी , तथा श्रीयंत्र का श्रीदत्तात्रेय परंपरा अनुसार पूजन ई काफी विषय होते हैं । और मुख्यतः इस साधना में एक साधक व्यक्ति को कमसे कम तीन से चार दिन तक देने पड़ते हैं। हमारे यहां कुछ दिन यही चल रहा है।
इसी बीच श्रीयंत्र के नवावर्ण पूजा में एक विषय है जिसमें 16 नित्याओ का पूजन है । काफी जगह लोग भावनिक होकर 16 – 16 श्रीयंत्र को खरीदकर घरमें रख देते हैं। जिसके लिए कमसे कम डेढ़ लाख तक लोग खर्च करते हैं। परंतु उसकी आवश्यकता और मुख्य ज्ञान का अभाव होने के कारण कुछ समय बाद ऐसे लोग खुद ही पछताते हैं । अपूर्ण श्रीविद्या का ज्ञान , गुरु से बातचीत नहीं , अनावश्यक संस्थाओ के चक्कर में खुदको अटका देना , ई कारण कई सारे लोग श्रीविद्या के अभ्यास तक नही पहुच पाते ।
आज हम 16 नित्याओ में से पहिली नित्या श्रीकामेश्वरी नित्या के विषय में सामन्य जानकारी देने जा रहे हैं।
कामेश्वरी देवी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि हैं , जो उगते हुए सूर्य अथवा अंधेरे से रोशनी की ओर ले जाने वाली । यह इच्छाओं की देवी हैं , आपके गहनतम विचारों में छुपी हुई इच्छाओं को प्रगट करना और पूर्ति करना यही उसका कार्य हैं। इस देवी का तेज दस करोड़ सूर्य की तेज की भांति हैं। यह देवी दो तिथियो पर कमांड करती हैं , अमावस्या के बाद आने वाली प्रतिपदा और पूर्णिमा के बाद आने वाली प्रतिपदा तिथि पर ।
कामदेव को भस्म करने से पूर्व उसे अपने नेत्रों में सुरक्षित रखने वाली , तथा उसे अपने नेत्रो से फिरसे पुनः जीवन देने वाली जो शक्ति हैं , वह यही हैं ।
कामदेव के पाँच बाण और पाँच कामदेव के रूप में जो तेज है , वह इसी देवी के कारण उसे प्राप्त होता हैं।
1. कामराज ह्रीं
2. मन्मथ क्लीं
3. कंदर्प ऐं
4. मकरकेतन ब्लूम
5. मनोभव स्त्रीं
ईस तरह से ये देवी की 5 शक्तियाँ 5 कामदेव के रूप हैं। जो पाँच बाण है , वह देवी के हाथों में हैं । यह 5 शक्तियां 1) तीव्र इच्छा काम वासना ई 2) पागलो की तरह पीछे लगने वाला स्वभाव 3) प्रज्वलित करना अथवा जल्स जलने वाला स्वभाव 4) मंत्रमुग्ध करना अथवा जादुई चीजो में फसाना 5) नाश करना ई .
वह देवी लाल रंग की हैं , छह हाथ , तीन नेत्र , चंद्रकोर और पूर्ण आभूषण से युक्त उसका शरीर हैं। ईख का दंडा , पुष्पबाण सहित हैं ।
सूर्य की सुबह की पहली किरण की ऊर्जा , सृजन की मूल शक्ति प्रेरणा और ब्रम्हा को सृष्टि सृजन की जो शक्ति थी वह यही श्रीकामेश्वरी नित्या हैं। कामदेव को जन्म देने वाली , उसे पुनः जीवन देने वाली अर्थात अगर कामवासना ही नहीं रही तो कोई जन्म कैसे ग्रहण करेंगा और बंजर जमीन पर सुपिकता कैसे आएंगी , फिर जीवनसृष्टी रुक जाएगी और प्रेम समाप्त हो जाएगा …. इन सबका मूल कामदेव ही हैं , और उसकी शक्ति कामेश्वरी नित्या ।
कामेश्वरी नित्या कामनाओं की कामना , इच्छाओं की इच्छा को भी पूर्ण करने की क्षमता रखती हैं। जो अंधेरे में है उसे उजाले में लाती हैं । व्यक्ति के गुणों को बढ़ावा देती हैं ।
इच्छा ज्ञान क्रिया में यह इच्छा शक्ति है ।
धन्यवाद ।
This Article Publish by SriVidya Pitham
श्रीविद्या के अधिक ज्ञान के लिए नीचे वाले लिंक पर अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।
Online Course Link :
1)https://srividyapitham.com/swarna-akarshana-bhairav-sadhna/
2)https://srividyapitham.com/sri-vidya-essentials/
3)https://srividyapitham.com/siddha-kunjika-sadhna/