◆ श्रीविद्या अंतर्गत अनच्क कला की व्याख्या ◆ श्रीविद्या साधना के अंतरंग में घुसने के लिए वैचारिक क्षमता बहुत विस्तरित चाहिए । बहुत सारे लोग
Category: Gyan Sutras
Sri Vidya: Vahni Kundalini (वह्नि कुंडलिनी)
◆ श्रीविद्या अंतर्गत वह्नि कुण्डलिनी तत्व ◆ श्रीविद्या में जब कुण्डलिनी शब्द के ऊपर का विषय आता है , तो श्रीविद्या के प्राचीन ग्रन्थों में
Sri Vidya – Trancending Animal Instinct (पशुभाव से आरोहण) 2
◆ श्रीविद्या साधना अंतर्गत पशुभाव से आरोहण ◆ भाग : २ मेरे शरीरधारी गुरु तथा मेरे पराजगत के गुरु श्रीमहावतार बाबाजी को प्रणाम , करके
Sri Vidya – Path To Moksha (मोक्ष को साधना) 3
◆ श्रीविद्या साधना अंतर्गत मोक्ष को साधना ? ◆ भाग : ३ यजुर्वेद कहता है। ‘‘यस्य योनि परिपश्यन्तिधीरा तस्मिन् हतस्यु भुवनानि विश्वा’’ (जिस योनि को
Sri Vidya – Path To Moksha (मोक्ष को साधना) 2
◆ श्रीविद्या साधना अंतर्गत मोक्ष को साधना ? ◆ भाग : २ मोक्षस्य मूलं यज्ज्ञानं तस्य मूलं महेश्वरः । तस्य पंचाक्षरो मंत्रो मूलमंत्र गुरोर्वच: ।।
Sri Vidya- Path To Moksha (मोक्ष को साधना) Part 1
◆ श्रीविद्या साधना अंतर्गत मोक्ष को साधना ? ◆ भाग : 1 नमस्ते मित्रो , आजका विषय अजीब है पर जरूरी है। विषय है ,
Sri Vidya – Panchadashi “Ka” Decoded (पंचदशी ” क ” कार) २
◆ श्रीविद्या साधना अंतर्गत पंचदशी मंत्र का ” ककार ” ◆ भाग : 2 श्री ललिताय नमः ।। प्रसन्नोस्तु जगन्मात : ।। मेरे शरीरधारी गुरु
Sri Vidya – Panchadashi “Ka” Decoded (पंचदशी ” क ” कार) १
◆ श्रीविद्या साधना अंतर्गत पंचदशी मंत्र का ” ककार ” ◆ भाग : 1 श्री ललिताय नमः ।। प्रसन्नोस्तु जगन्मात : ।। मेरे शरीरधारी गुरु
Sri Vidya – Advait Path (अद्वैत पथ)
◆ श्रीविद्या अंतर्गत अद्वैत वेदान्त का पथ ◆ श्रीविद्या साधक को श्रीविद्या के विस्तीर्ण क्षेत्र में अपना व्यक्तिगत अभ्यास रखना चाहिए। अपने आपको एक नियम-शिस्त
SriVidya: Saundarya Lahiri – Hiranyagarbh 2
पिछले लेख से आगे शुरुआत करते हैं , ….. सर्वप्रथम हिरण्यगर्भ से अंडे के रूप का एक मुख प्रकट हुआ।
